सीआरपीसी की धारा 41ए का पालन किए बिना आरोपी को गिरफ्तार करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की खिंचाई की

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता सुनील फर्नांडीस ने प्रस्तुत किया कि जांच अधिकारी ने सीआरपीसी, 1973 की धारा 41 (ए) के तहत कोई नोटिस नहीं दिया।
उन्होंने आगे प्रस्तुत किया कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता ने गिरफ्तारी से पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जांच अधिकारी (आईओ) ने याचिकाकर्ता से संपर्क किया और उसे 8 मार्च, 2022 को हिरासत में ले लिया।
वकील के तर्क को ध्यान में रखते हुए और याचिकाकर्ता पहले से ही हिरासत में होने पर विचार करते हुए पीठ ने याचिकाकर्ता को नियमित जमानत आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी।

पीठ ने अपने आदेश में कहा,

"यदि ऐसा कोई आवेदन दायर किया जाता है तो ट्रायल कोर्ट से यह अपेक्षा की जाती है कि वह सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के गैर-अनुपालन पर ध्यान दे और याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर गिरफ्तारी के बाद की जमानत के लिए आवेदन का जितनी जल्दी हो सके एक उचित समय में निपटारा करे।"

Comments

Popular posts from this blog

Hindu Marriage Act, 1955 (25 of 1955) Section 13(1)(ia) – Maintenance – Undoubtedly

क्या पति पर धारा 377 आईपीसी के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जब धारा 375 आईपीसी वैवाहिक यौन संबंध से छूट देती है? दिल्ली हाईकोर्ट विचार करेगा

Section 374(2) read with Section 383 CRPC POCSO ACT Sections 5(m) and 6